रीतिकाल के ध्वनि ग्रंथ

रीतिकाल के ध्वनि ग्रंथ रीतिकाल में काव्यशास्त्र से संबंधित अनेक ग्रंथों की रचना हुई। यह ग्रंथ काव्यशास्त्र के विभिन्न अंगों को लेकर लिखे गए। इनमें से कुछ ग्रंथ सर्वांग निरूपक ग्रंथ से थे जबकि कुछ विशेषांग निरूपक थे। रीतिकाल के ध्वनि ग्रंथ। विशेषांग निरूपक ग्रंथों में ध्वनि संबंधी ग्रंथ, रस संबंधी ग्रंथ, अलंकार संबंधी ग्रंथ, … Read more

रीतिकाल की पूरी जानकारी – कवि, रचनाएं, प्रकार, वर्गीकरण, विशेषताएं

रीतिकाल की पूरी जानकारी इस आलेख में रीतिकाल की पूरी जानकारी एवं कवि तथा रचनाएं, प्रमुख काव्य धाराएं, रीतिकाल का वर्गीकरण तथा विशेषताएं पढेंगे। रीतिकाल का नामकरण : रीतिकाल की पूरी जानकारी रीतिकाल को रीतिकाल क्यों कहा जाता है? हिंदी साहित्य का उत्तर मध्यकाल (1643 ई. – 1842ई. तक लगभग) जिसमें सामान्य रूप से श्रृंगार … Read more

रीतिकाल के प्रमुख ग्रंथ

रीतिकाल के प्रमुख ग्रंथ रीतिकाल के प्रमुख ग्रंथ, रीतिकाल के प्रमुख कवि, रीतिकाल की प्रमुख धाराओं के नाम, काव्यविवेक किसकी रचना है?, रीतिकाल का वर्गीकरण आदि रीति-काल में रचे गये विभिन्न रीति ग्रंथों की सूची काव्यविवेक चिंतामणि की रचना है। रीतिकाल: रस, श्रृंगार एवं नायिका भेद ग्रंथ •हिततरंगिणी(1541):- कृपाराम •साहित्यलहरी:- सूरदास •रसमंजरी(1550):- नंददास •रसिकप्रिया(1591):- केशवदास … Read more

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