हिन्दी दिवस – 14 सितंबर

हिन्दी दिवस का इतिहास एवं उपलब्धियां इस आलेख में हम हिन्दी दिवस का इतिहास एवं उपलब्धियां आदि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस? निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिट्य न हिय को सूल। अब जानते हैं हिन्दी दिवस का इतिहास- … Read more

विसर्ग सन्धि Visarg Sandhi

विसर्ग संधि Visarg Sandhi विसर्ग सन्धि Visarg Sandhi परिभाषा नियम प्रकार | सन्धि परिभाषा नियम प्रकार स्वर सन्धि व्यंजन सन्धि विसर्ग सन्धि उदाहरण एवं अपवाद | परीक्षोपयोगी जानकारी सन्धि परिभाषा- दो ध्वनियों (वर्णों) के परस्पर मेल को सन्धि कहते हैं। अर्थात् जब दो शब्द मिलते हैं तो प्रथम शब्द की अन्तिम ध्वनि (वर्ण) तथा मिलने … Read more

स्वर सन्धि Swar Sandhi

स्वर सन्धि Swar Sandhi स्वर संधि Swar Sandhi | व्यंजन सन्धि | विसर्ग सन्धि | परिभाषा | उदाहरण | अपवाद | दीर्घ सन्धि | गुण सन्धि की परिभाषा, उदाहरण एवं अपवाद परीक्षोपयोगी दृष्टि से- परिभाषा- दो ध्वनियों (वर्णों) के परस्पर मेल को सन्धि कहते हैं। अर्थात् जब दो शब्द मिलते हैं तो प्रथम शब्द की … Read more

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या – Mokshagundam Visvesvaraya

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या Mokshagundam Visvesvaraya – आधुनिक भारत के निर्माता भारतीय इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या – Mokshagundam Visvesvaraya के संपूर्ण जीवन परिचय के साथ-साथ अभियंता दिवस, उनकी शिक्षा, कार्य, पुरस्कार एवं सम्मान के बारे में पूरी जानकारी जानेंगे। एक 6 वर्षीय बालक अपने घर के बरामदे में खड़ा बारिश का दृश्य देख रहा था बालक के घर … Read more

व्यंजन संधि Vyanjan Sandhi

व्यंजन संधि Vyanjan Sandhi व्यंजन संधि Vyanjan Sandhi | परिभाषा | नियम | प्रकार | स्वर सन्धि व्यंजन सन्धि विसर्ग सन्धि अपवाद के बारे में विस्तृत जानकारी Vyanjan Sandhi व्यंजन का व्यंजन अथवा स्वर के साथ मेल होने से जो विकार उत्पन्न होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। ऋक् + वेद = ऋग्वेद शरद् … Read more

भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी सर्वपल्ली राधाकृष्णन Sarvepalli Radhakrishnan | 5 सितंबर | 5 September | राष्ट्रीय शिक्षक दिवस | National Teacher’s Day बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥ अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥ भावार्थ- मैं गुरु महाराज के चरण कमलों की रज की वन्दना करता हूँ, जो सुरुचि, … Read more

भारत का स्वर्णिम अतीत : तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय

भारत का स्वर्णिम अतीत : तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय इन्क्रेडिबल इंडिया: सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय तेल्हाड़ा विश्वविद्यालय जैसी सांस्कृतिक विरासत का महत्त्व एवं ऐतिहासिक योगदान के बारे में जानकारी असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मामृतं गमय।। बृहदारण्यकोपनिषद् का उक्त वाक्य भारतीय ज्ञान और ज्ञान प्राप्ति की तीव्र उत्कंठा को दर्शाता है। विश्व के ज्ञात इतिहास को परखे … Read more

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