दिल कहाँ रखा?
दिल कहाँ रखा? रचनाकार अरुण स्वामी द्वारा रचित प्रसिद्ध कविता
फुरसत में करेंगे तुझसे हिसाब ऐ जिन्दगी,
अभी तो उलझे हैं खुद को सुलझाने में।
कभी इसका दिल रखा कभी उसका दिल रखा,
इसी कशमकश में भूल गए
खुद का दिल कहाँ रखा?????

विज्ञान तथा प्रकृति (Science and Nature)
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