विस्मयादिबोधक अव्यय | Vismayadibodhak Avyay
विस्मयादिबोधक अव्यय | Vismayadibodhak Avyay | अव्यय किसे कहते हैं | अव्यय के प्रकार | विस्मयादिबोधक अव्यय | परिभाषा एवं प्रकार
प्रयोग के आधार पर हिन्दी में शब्दों के दो भेद किए जाते हैं।
विकारी(Vikari Shabad)
विकारी शब्द वे शब्द होते हैं, जिनका रूप लिंग, वचन, कारक और काल के अनुसार परिवर्तित हो जाता है, उन्हें विकारी शब्द कहते हैं।
विकारी शब्दों में समस्त संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण तथा क्रिया शब्द आते हैं।
अविकारी या अव्यय शब्द (Avikari Shabad)
अविकारी या अव्यय शब्द वे शब्द होते हैं, जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक, काल के अनुसार कोई विकार उत्पन्न नहीं होता अर्थात् इन शब्दों का रूप सदैव वही बना रहता है।
ऐसे शब्दों को अविकारी या अव्यय शब्द कहते हैं।
अविकारी शब्दों में क्रियाविशेषण, सम्बन्धबोधक अव्यय, समुच्चय बोधक अव्यय तथा विस्मयादिबोधक अव्यय आदि शब्द आते हैं।
विस्तृत विवरण इस प्रकार है-
विस्मयादिबोधक अव्यय (Vismayadibodhak Avyay)
वे अव्यय शब्द जिनका वाक्य से तो कोई संबंध नहीं रहता है, परन्तु वे वक्ता के हर्ष, शोक, विस्मय, तिरस्कार आदि भावों को सूचित करते हैं, विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द कहलाते हैं। जैसे –
वाह ! कितना सुन्दर दृश्य है?
हाय, अब मैं क्या करूं?
छि: छि, तुम इतने गिर जाओगे, इसकी तो मैंने कल्पना भी नहीं की थी।
आहा, हम मैच जीत गये।
जी हाँ, मैं जरूर आऊँगा।
Vismayadibodhak Avyay से प्रकट होने वाले मनोविकारों के आधार पर इनके निम्न सात भेद माने जाते है
1. हर्षबोधक – अहा, वाह-वाह, धन्य-धन्य, शाबास, क्या खूब, क्या कहने, जय, जयति आदि।
2. शोकबोधक – हाय-हाय, हे राम, बाप-रे-बाप, आह, ऊह, हा-हा, त्राहि-त्राहि, तोबा-तोबा, दैया-दैया आदि।
3. आश्चर्यबोधक- वाह, हैं, ऐं, ओहो, यह क्या, क्या, आदि।
4. अनुमोदन बोधक – ठीक, आह, अच्छा, शाबास, हाँ-हाँ आदि।
5. तिरस्कार बोधक – छि:छि, हट, अरे, दूर, धिक्, अरे, चुप, धत्त तेरे कि आदि।
6. स्वीकार बोधक – जी हाँ, अच्छा जी, ठीक-ठीक, बहुत अच्छा, हाँ, जी आदि।
7. सम्बोधन बोधक – अरे, रे, अजी, लो, जी, हे, हो आदि।
स्रोत – हिन्दी व्याकरण – पं. कामताप्रसाद गुरु
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