मोहन राकेश जीवन परिचय

मोहन राकेश जीवन परिचय

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जन्म -8 जनवरी 1925

निधन -3 जनवरी 1972

जन्म स्थान- अमृतसर, पंजाब, भारत

कर्म-क्षेत्र- नाटककार व उपन्यासकार (प्रयोगवादी या आधुनिकबोधवादी उपन्यासकार)

मोहन राकेश साहित्य परिचय अथवा रचनाएं

मोहन राकेश जीवन परिचय
मोहन राकेश जीवन परिचय

कहानियां

मिस पाल

सीमाएँ

आर्द्रा

फ़ौलाद का आकाश(संग्रह)

सुहागिनें

मलबे का मालिक (1947 भारत विभाजन पर, इसमें मलबा उन्माद व वहशीपन का प्रतीक)

उसकी रोटी

एक और ज़िंदगी ( इनकी सर्वप्रसिद्ध एवं प्रतिनिधि कहानी मानी जाती है यह कहानी आज के मानसिक /ट्रैजिक तनाव को अभिव्यक्त करती है)(संग्रह)

परमात्मा का कुत्ता

जानवर और जानवर (संग्रह)

मवाली

मंदी

ज़ख़्म

अपरिचित

जीनियस

इंसान के खंडहर (संग्रह)

नये बादल (संग्रह)

आज के साये (संग्रह)

डॉक्टर (संग्रह)

ठहरा हुआ चाकू

वासना की छाया में

नाटक

आषाढ़ का दिन-1958 ( संस्कृत के महाकवि कालिदास के जीवन का अंतः संघर्ष चित्रित किया गया है इस नाटक को 1959 में संगीत नाटक अकादमी का प्रथम पुरस्कार भी मिला था)

लहरों के राजहंस-1963 ( इसमें नंद का अंतर्द्वंद चित्रित किया गया है इसमें नायक नंद आधुनिक भाव बोध का प्रतिनिधित्व करता है)

आधे-अधूरे-1969 ( इसमें मध्यवर्गीय परिवार की समस्याओं का चित्रण किया गया है)

पैरों तले की जमीन (अधूरा नाटक) (ये इनका अधूरा नाटक है जिसे कमलेश्वर द्वारा पूरा किया गया था)

अंडे के छिलके (एंकाकी)

सिपाही की माँ

जीवनी

आखिरी चट्टान तक- 1953

निबन्ध

हिंदी कथा-साहित्य : नवीन प्रवृत्तियाँ-1

हिंदी कथा-साहित्य : नवीन प्रवृत्तियाँ-2

आज की कहानी के प्रेरणास्रोत

कहानी क्यों लिखता हूँ

समकालीन हिंदी कहानी : एक परिचर्चा

डॉ. कार्लो कपोल और मोहन राकेश

नाटककार और रंगमंच

रंगमंच और शब्द

हिंदी रंगमंच

उपन्यास

अँधेरे बन्द कमरे ,1961 (चार भाग)

न आनेवाला कल (1. डर 2. सहयोगी 3. दरवाजे)

अन्तराल ,1972

नीली रोशनी की बाहें

कांपता दरिया

संपादन

सारिका

नई कहानी

विशेष तथ्य

मोहन राकेश नई कहानी आंदोलन के प्रमुख नायकों में रहे।

उनकी अनेक कहानियों पर फिल्में भी बनीं।

कहानी के अतिरिक्त उन्हें नाटक के क्षेत्र में अपरिमित सफलता मिली।

हिंदी प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो जहाँ उनके नाटकों का मंचन न हुआ हो।

खासकर ‘आषाढ़ का एक दिन’ और ‘आधे अधूरे’ को तो क्लासिक का दर्जा हासिल है।

आदिकाल के प्रमुख साहित्यकार

भक्तिकाल के प्रमुख साहित्यकार

आधुनिक-काल के साहित्यकार

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