बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय प्रेमघन

बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय ‘प्रेमघन’

बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय प्रेमघन – जीवन परिचय – साहित्यिक परिचय – रचनाएं – कविताएं – नाटक – निबंध -पत्र-पत्रिकाएं – Badrinarayan Chaudhary

जीवन परिचय

जन्मकाल- 1855 ई

जन्मस्थान- मिर्जापुर (उ.प्र.) एक संपन्न ब्राह्मण परिवार में

मृत्युकाल- 1923 ई.

पिता- पंडित गुरुचरणलाल उपाध्याय

काल- आधुनिक काल (भारतेंदु युग)

"<yoastmark

साहित्यिक परिचय

इनकी ‘लालित्य लहरी’ रचना में वंदना संबंधी दोहों को शामिल किया गया है|

‘ब्रजचंद पंचक’ रचना में उनकी भक्ति भावना अभिव्यक्त हुई है|

इनकी समस्त काव्य रचनाओं का संकलन ‘प्रेमघन सर्वस्व’ संग्रह के प्रथम भाग में किया गया है|

बदरीनारायण प्रेमघन की गद्यशैली की समीक्षा के कारण यह स्पष्ट हो जाता है कि खड़ी बोली गद्य के वे प्रथम आचार्य थे।

बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय प्रेमघन की रचनाएं

कविताएं

जीर्ण जनपद

आनंद अरुणोदय

हार्दिक हर्षादर्श (राष्ट्रीयता)

मंयक महिमा (प्रकृति वर्णन)

अलौकिक लीला

वर्षा बिंदु

लालित्य लहरी

बृजचंद-पंचक

युगल-स्तोत्र

पितर प्रताप

होली की नकल

मन की मौज

प्रेम पीयुष वर्षा

मंगलाशा

हास्य बिंदु

भारत-बधाई

स्वागत-सभा

आर्याभिनंदन

सूर्यस्तोत्र

नाटक

भारत सौभाग्य 1888 ई.

प्रयाग रामागमन

वृद्ध विलाप

वीरांगना रहस्य महानाटक (वेश्या विनोद महानाटक) (अपूर्ण)

निबंध

बनारस का बुढ़वा मंगल

दिल्ली दरबार में मित्र मंडली के यार

बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय प्रेमघन संबंधी विशेष तथ्य

इनकी नागरी नीरद (1893 ई.) नामक एक साप्ताहिक पत्र एवं आनंद कादंबिनी (1881 ई.) नामक एक मासिक पत्रिका का संपादन कार्य किया था| (प्रकाशन स्थल मिर्जापुर)

इन्होंने ‘अब्र’ उपनाम से उर्दू काव्य में भी लेखन कार्य किया है|

एक बार दादा भाई नारोजी को विदेश में ‘काला’ कहकर पुकारा गया था, जिसकी प्रतिक्रियास्वरुप इन्होंने एक क्षोभपूर्ण कविता भी लिखी थी|

आचार्य शुक्ल के अनुसार हिंदी में समालोचना का सूत्रपात एक प्रकार से बालकृष्ण भट्ट एवं चौधरी के द्वारा ही किया गया था|

बेसुरी तान शीर्षक लेख में इन्होने भारतेंदु की आलोचना करने में भी चूक न की।

विक्रमी संवत् 1930 में बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय प्रेमघन जी ने सद्धर्म सभा तथा 1931 विक्रमी संवत् रसिक समाज की मीरजापुर में स्थापना की।

आदिकाल के साहित्यकार

भक्तिकाल के प्रमुख साहित्यकार

आधुनिक काल के साहित्यकार

Social Share Buttons and Icons powered by Ultimatelysocial