सुंदर पिचई का जीवन परिचय (Biography)
Google के CEO सुंदर पिचई Sundar Pichai का जीवन परिचय, परिवार, शिक्षा, व्यक्तिगत जीवन तथा संघर्षशील जीवन से सफलता की पूरी प्रेरणाप्रद कहानी
Google के CEO सुंदर पिचई Sundar Pichai
आईटी और तकनीक के सार्वभौमिक पटल पर पहुंचने वाले सुंदर पिचई को कौन नहीं जानता।
सुंदर पिचई को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है।
उनकी अथाह एवं अपार सफलता ही उनकी वास्तिवक पहचान है।
सुंदर पिचई की सफलता की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणा है।
चेन्नई में साधारण सा जीवन जीने वाले सुंदर आज सफलता की सभी पराकाष्ठाएं भी लांघ चुके हैं या फिर ये कहना भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सफलता का पर्याय हैं ‘सुंदर पिचई’।
सुंदर पिचई जीवन परिचय : परिवार तथा व्यक्तिगत जीवन
चेन्नई में 10 जून 1972 में जन्मे सुंदर पिचई का मूल नाम पिचई सुंदराजन है, किंतु उन्हें सुंदर पिचई के नाम से जाना जाता है।
सुंदर पिचई का जन्म मदुरै, तमिलनाडु, भारत के तमिल परिवार में हुआ।
उनकी मां का नाम लक्ष्मी था, जो कि एक स्टेनोग्राफर थीं।
इनके पिता का नाम रघुनाथ पिचई था।
वे ब्रिटिशसमूह के जीईसी में एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे।
सुंदर पिचई के पिता कामैन्युफैक्चरिंग प्लांट था, जहां इलेक्ट्रिक कॉम्पोनेंट बनाए जाते थे।
सुंदर की पत्नी का नाम अंजलि तथा बच्चों के नाम काव्या एवं किरण है।
शिक्षा
सुंदर पिचई चेन्नईमें रहते थे और एक सामान्य जीवन जीते थे।
सुन्दर ने जवाहर नवोदय विद्यालय, अशोक नगर, चेन्नई में अपनी दसवीं तथा वना वाणी स्कूल, चेन्नई से बारहवीं कक्षा पूरी की।
सुंदर पिचई इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफटेक्नोलॉजी (IIT), खड़कपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग (धातुकर्मइंजीनियरिंग) की पढ़ाई की।
इन्होंने एम.एस. (कम्प्यूटर साइंस) में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से की।
पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीएकिया, जहां उन्हे एक विद्वान साइबेल स्कॉलर के लिए नामित किया गया।
सुंदर पिचई जीवन परिचय : संघर्षशील जीवन से सफलता तक
मैक्किंतॉश् में कंसल्टेंट
कमजोर आर्थिक परिस्थितयों के कारण सुंदर पिचई 1995 में स्टैनफोर्ड में बतौर पेइंग गेस्ट रहते थे।
कम पैसे के कारण सुंदर पिचई पुरानी चीजें इस्तेमाल कर लेते थे, लेकिन पढ़ाई के प्रति कभी लापरवाही नहीं दिखाई।
परिस्थितियों के कारण इन्होंने पीएचडी का सपना त्याग कर इन्हें अप्लायड मटीरियल्स इंक में प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर नौकरी की।
प्रसिद्ध कंपनी मैक्किंतॉश् में कंसल्टेंट का काम भी किया।
गूगल क्रोम में भूमिका
1 अप्रैल 2004 को वे गूगल में आए।
सुंदर कापहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में गूगल के सर्चटूलबार को बेहतर बनाकर दूसरे ब्रॉउजर के ट्रैफिक को गूगल पर लाना था।
इसी दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लांच करना चाहिए।
सुंदर पिचई ने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था। उस समय वे प्रोडक्ट और इनोवेशनऑफिसर थे।
सुंदर सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एंड्रॉइड, क्रोम और ऐप्स डिविजन)रह चुके हैं।
पिछले साल अक्टूबर में उन्हें गूगल का सीनियर वीपी (प्रोडक्टचीफ) बनाया गया था।
एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम के डेवलपमेंट और 2008 में लांच हुए गूगल क्रोम में उनकी बड़ी भूमिका रही है।
सीनियर वाइसप्रेसीडेंट
प्रोडक्ट मैनेजर के पद पर रहते हुए सुंदर पिचई नेगूगल ज्वाइन किया था, तो इंटरनेट यूजर्स के लिए शोध कियाकि यूजर्सजो इन्स्टॉल करना चाहते हैं, वे जल्दी इन्स्टॉल हो जाए।
हालांकि यह काम ज्यादा मजेदार नहीं था, फिर भी उन्होंने खुद को साबित करने के लिए अन्य कंपनियों से बेहतर संबंध बनाएं, ताकि टूलबार को बेहतर बनाया जाए।
उन्हें प्रोडक्ट मैनेजमेंट का डायरेक्टर बना दिया गया। 2011 में जब लैरी पेज गूगल के सीईओ बने, तो उन्होंने तुरंत पिचई को प्रमोट करते हुए सीनियर वाइसप्रेसीडेंट बना दिया गया था।
क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम
इसी एक आइडिया से वे गूगल के संस्थापक लैरीपेज की नजरों में आ गए।
इसी आइडिया से उन्हें असली पहचान मिलनी शुरू हुई।
2008 से लेकर 2013 के दौरान सुंदर पिचई के नेतृत्व में क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की सफल लांचिंग हुई और उसके बाद एंड्रॉइड मार्केट प्लेस से उनका नाम दुनिया भर में हो गया।
सुंदर ने ही गूगल ड्राइव, जीमेल ऐप और गूगल वीडियो कोडेक बनाए हैं।
सुंदर द्वारा बनाए गए क्रोम ओएस और एंड्रॉइड एप ने उन्हें गूगल के शीर्ष पर पहुंचा दिया।
पिछले साल एंड्रॉइड डिविजन उनके पास आया और उन्होंने गूगल के अन्य व्यवसाय को आगे बढ़ाने में भी अपना योगदान दिया।
अन्य
वह 2004 में गूगल में आए।
जहाँ वे गूगल के उत्पाद जिसमें गूगल क्रोम, क्रोमओएस शामिल है।
शुरुआत में वह गूगल के सर्च बार पर छोटी टीम के साथ काम करते रहे।
इसके बाद उन्होंने गूगल के कई और प्रोडक्ट पर भी काम किया है।
उन्होंने जीमेल और गूगल मैप्स जैसे अन्य अनुप्रयोगों के विकास की देखरेख की।
इसके बाद वह गूगल ड्राइव परियोजना का हिस्सा बने।
फिर इसके बाद वह अन्य उत्पाद जैसे जीमेल और गूगल मानचित्र, आदि का हिस्सा बने।
इसके बाद वह 19 नवम्बर 2009 में क्रोम ओएस और क्रोमबूक आदि के जाँच कर दिखाये। वह इसे 2011 में सार्वजनिक किया।
यह 13 मार्च 2013 को एंडरोइड के परियोजना से जुड़े। अप्रैल 2011 से 30 जुलाई 2013 तक जीवा सॉफ्टवेयर के निर्देशक बने थे।
अंतत: – सुंदर पिचई जीवन परिचय
गूगल ने अपनी कंपनी का नाम अल्फ़ाबेट में बदल दिया।
सुंदर पिचई वर्तमान में अमेरिकी व्यवसायी हैं, जो अल्फाबेट कंपनीके सीईओ तथा उसकी सहायक कंपनी गूगल एलएलसी के सीईओ हैं।
इसके बाद लेरी पेज ने गूगल खोज नामक कंपनी का सीईओ सुंदर पिचई को बना दिया और स्वयंअल्फाबेट कंपनी के सीईओ बन गए।
सुन्दर पिचई ने गूगल सीईओ का पद ग्रहण 2 अक्टूबर, 2015 को किया। 3 दिसंबर, 2019 को वह अल्फाबेट के सीईओ बन गए।
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