मन्नू भंडारी Mannu Bhandari

मन्नू भंडारी Mannu Bhandari जीवन परिचय

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जन्म -3 अप्रेल, 1931

जन्म भूमि – भानपुरा नगर, मध्य प्रदेश

बचपन का नाम- महेंद्र कुमारी (लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम को चुना)

पिता- सुखसम्पत राय भंडारी

पति- राजेन्द्र यादव

काल- आधुनिक काल

युग- प्रयोगवादी या आधुनिकताबोधवादी युग

नई कहानी-नगरबोध के कहानीकार

मन्नू भंडारी Mannu Bhandari का साहित्य

रचनाएं

कहानी संग्रह

मैं हार गई (1957)

एक प्लेट सैलाब (1968)

तीन निगाहों की एक तस्वीर (1968)

यही सच है (1966)

त्रिशंकु

रेत की दीवार

श्रेष्ठ कहानियाँ

कहानियां : मन्नू भंडारी Mannu Bhandari

रेत की दीवार

मैं हार गई 1957

तीन निगाहों की एक तस्वीर 1968

यही सच है 1966

त्रिशंकु

बंद दरवाजों का साथ

रानी मां का चबूतरा

अलगाव

अकेली

एक प्लेट का सैलाब-1968

कृषक

आँखों देखा झूठ

नायक खलनायक विदूषक
इन की कहानियां मुख्यतः प्रेम त्रिकोण पर आधारित है

उपन्यास : मन्नू भंडारी Mannu Bhandari

आपका बंटी-1971

महाभोज

स्वामी

एक इंच मुस्कान (राजेंद्र यादव के साथ सह लेखन)

कलवा

फ़िल्म पटकथाए

रजनीगंधा

निर्मला

स्वामी

दर्पण

नाटक

बिना दीवारों का घर (1965)

रजनी दर्पण

महाभोज का नाट्य रूपान्तरण (1982)

आत्मकथा

एक कहानी यह भी (2007)

प्रौढ़ शिक्षा के लिए- सवा सेर गेहूं (1993) (प्रेमचन्द की कहानी का रूपान्तरण)

पुरस्कार एवं सम्मान : मन्नू भंडारी Mannu Bhandari

हिंदी अकादमी दिल्ली का शिखर सम्मान (बिहार सरकार)

भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता सम्मान

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी सम्मान

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार

भारतीय भाषा परिषद (भारतीय भाषा परिषद), कोलकाता, 1982

काला-कुंज सन्मान (पुरस्कार), नई दिल्ली, 1982

भारतीय संस्कृत संसद कथा समरोह (भारतीय संस्कृत कथा कथा), कोलकाता, 1983

बिहार राज्य भाषा परिषद (बिहार राज्य भाषा परिषद), 1991

राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, 2001- 02

महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी (महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी), 2004

हिंदी अकादमी, दिलीली शालका सन्मैन, 2006- 07

मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन (मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन), भवभूति अलंकरण, 2006- 07

के.के. बिड़ला फाउंडेशन ने उन्हें अपने काम के लिए 18 वें व्यास सम्मान के साथ प्रस्तुत किया, एह कहानी यहे भी, एक आत्मकथात्मक उपन्यास

व्यास सम्मान (2008)

विशेष तथ्य : मन्नू भंडारी Mannu Bhandari

राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास ‘एक इंच मुस्कान’ पढ़े-लिखे और आधुनिकता पसंद लोगों की दुखभरी प्रेमगाथा है।

इनकी ‘यही सच है’ कृति पर आधारित ‘रजनीगंधा फ़िल्म’ ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई थी।

आम आदमी की पीड़ा और दर्द की गहराई को उकेरने वाले उनके उपन्यास ‘महाभोज’ पर आधारित नाटक खूब लोकप्रिय हुआ था।

“मैनें उन चीजों पर लिखा है जो या तो मेरे साथ हुईं हैं या किसी भी तरह से मेरे अनुभव का हिस्सा रहीं हैं एक कथाकार को नई चीजों के बारे में भी लिखना चाहिए लेकिन मैं अपने ही अनुभवों को कहानी में ढालकर तसल्ली कर लेती थी| फिर भी मैं यही कहूंगी कि एक अच्छा कथाकार एक परिचित यथार्थ को भी नए सिरे से, नए कोण से पेश कर सकता है|” – मन्नू भंडारी

आदिकाल के साहित्यकार

भक्तिकाल के प्रमुख साहित्यकार

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