भारत में परिवहन
भारत में परिवहन सड़क परिवहन रेल परिवहन वायु परिवहन जल परिवहन पाइपलाइन परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाएँ
यातायात एवं परिवहन साधनों की दृष्टि से भारतीय संसाधन निम्न भागों में वर्गीकृत किए गए हैं-
- सड़क परिवहन
- रेल परिवहन
- वायु परिवहन
- जल परिवहन
- पाइपलाइन परिवहन
सड़क परिवहन
राजकीय राजमार्गों का प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा होता है।
इनका नियंत्रण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है।
डलहौजी के काल में 1856 में इस विभाग की स्थापना की गई थी।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गठन 15 जून 1989 को किया गया। प्राधिकरण ने 1995 से कार्य शुरू किया।
भारत में सड़कों का जाल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल है।
इसकी कुल लंबाई 56 लाख किमी है।
सड़क निर्माण का पहला गंभीर प्रयास 1943 में नागपुर योजना बनाकर किया गया। (असफल प्रयास)
देश में प्रबंधन के आधार पर सड़कों को विभिन्न भागों में विभक्त किया गया है-
- राष्ट्रीय राजमार्ग
- राज्य राजमार्ग – देश की कुल सड़कों की लंबाई का 4% है।
- जिला सड़के – देश की कुल सड़कों की लंबाई का 14% है।
- ग्राम सड़के – देश की कुल सड़कों की लंबाई का 80% है।
- सीमावर्ती सड़के
सीमावर्ती सड़कों का प्रबंधन और निर्धारण सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाता है।
सीमा सड़क विकास बोर्ड की स्थापना 1960 में की गई।
राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई वाले राज्य
- उत्तर प्रदेश
- राजस्थान
- मध्य प्रदेश
राज्य राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई वाले राज्य
- महाराष्ट्र
- गुजरात
3.मध्य प्रदेश
ये सड़कें राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को राज्य की राजधानी से जोड़ते हैं।
सड़कों का सर्वाधिक घनत्व-केरल में
सड़कों का न्यू. घनत्व-जम्मूकश्मीर में
केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वाधिक सड़क घनत्व – 1. दिल्ली 2. चंडीगढ़ में है।
भारत में कुल सड़कों की सर्वाधिक लंबाई महाराष्ट्र में है।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाएँ : भारत में परिवहन
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना देश के चार महानगरों दिल्ली- मुम्बई- चेन्नई-कोलकाता को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली परियोजना है। इसकी कुल लम्बाई 5846 कि०मी० है।
दिल्ली – मुंबई = 1419 किमी
मुंबई – चेन्नई = 1290 किमी
चेन्नई – कोलकाता = 1684 किमी
कोलकाता – दिल्ली = 1453 किमी
यह परियोजना कुल 13 राज्यों से होकर गुजराती है।
पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण गलियारा पूर्व
- पश्चिम गलियारा – सिलचर (असम) से पोरबंदर (गुजरात) तक
- उत्तर दक्षिण गलियारा – श्रीनगर से कन्याकुमारी तक।
भारतमाला एक प्रस्तावित वृहद् योजना है
(i) तटवर्ती भागों से लगे हुए राज्यों की सड़कों का विकास/सीमावर्ती भागों तथा छोटे बंदरगाहों को जोड़ना।
(ii) पिछड़े इलाकों, धार्मिक, पर्यटन स्थलों को जोड़ने की योजना।
(iii) सेतू भारतम् परियोजना के अंतर्गत 1500 बड़े पुलों तथा 200 रेल ओवर ब्रिज/रेल अंडर ब्रिज का निर्माण।
(iv) लगभग 900 कि.मी. के नए घोषित किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए जिला मुख्यालय जोड़ने की योजना।
यह कार्यक्रम 2022 तक पूरा किया जाना है।
भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग NH 7 (44)
NH 1D लेह से श्रीनगर (काराकोरम दर्रा) यह विश्व का सबसे ऊंचा सड़क मार्ग है।
NH 1 जालंधर से श्रीनगर (बनिहाल दर्रा) यह सुरंग हेतु प्रसिद्ध है।
ग्रांड ट्रक रोड (जीटी रोड) – प्रारंभ में इसका निर्माण शेर शाह सूरी द्वारा सिंधु घाटी (पाकिस्तान) से सोनार घाटी (बंगाल) तक करवाया गया।
ब्रिटिश काल में इसे ग्रांड ट्रक रोड के नाम से नामित किया गया।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग 1 व 2 को सम्मिलित रूप से ग्रांड ट्रक रोड कहा जाता है।
यह वर्तमान में अमृतसर से कोलकाता तक विस्तृत विस्तृत है।
रेल परिवहन
महात्मा गांधी ने कहा था- “भारतीय रेलवे ने विविध संस्कृति के लोगों को एक साथ लाकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है।”
भारतीय रेल की स्थापना 1853 में हुई तथा मुंबई (बंबई) से थाणे के बीच 34 कि.मी. लंबी रेल लाइन निर्मित की गई।
भारतीय रेल जाल की कुल लंबाई 66030 कि.मी. है (31 मार्च, 2015 तक) ।
रेलवे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग बनाए गए हैं-
- बड़ी लाइन (Broad Guage) ब्रॉड गेज में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1.616 मीटर होती है। ब्रॉड गेज लाइन की कुल लंबाई सन् 2016 में 60510 कि.मी. थी।
- मीटर लाइन (Meter Guage) – इसमें दो रेल पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है। इसकी कुल लंबाई 2016 में 3880 कि.मी. थी।
- छोटी लाइन (Narrow Guage) इसमें दो रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मीटर होती है। इसकी कुल लंबाई 2016 में 2297 कि.मी. थी। यह प्रायः पर्वतीय क्षेत्रों तक सीमित है।
कोंकण रेलवे
1998 में कोंकण रेलवे का निर्माण भारतीय रेल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
यह 760 कि.मी. लंबा रेलमार्ग महाराष्ट्र में रोहा को कर्नाटक के मंगलौर से जोड़ता है।
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वायु परिवहन : भारत में परिवहन
भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 में हुई, जब इलाहाबाद से नैनी तक की 10 कि.मी. की दूरी हेतु वायु डाक प्रचालन संपन्न किया गया था।
भारत में वायु परिवहन का प्रबंधन एयर इंडिया द्वारा किया जाता है।
पवन हंस एक हेलीकॉप्टर सेवा है जो पर्वतीय क्षेत्रों में सेवारत है।
पाइपलाइन परिवहन : भारत में परिवहन
आयल इंडिया लिमिटेड (ओ.आई.एल.) कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन में संलग्न है।
देश की प्रमुख पाइपलाइन
- एशिया की पहली 1157 कि.मी. लंबी देशपारीय पाइपलाइन असम के नहरकरिटया तेल क्षेत्र से बरौनी के तेल शोधन कारखाने तक।
- अंकलेश्वर-कोयली, मुंबई – हाई – कोयली तथा हजीरा – विजयपुर -जगदीशपुर (HVJ) का निर्माण किया गया।
- सलाया (गुजरात) से मथुरा (उ.प्र.) तक 1256 किमी बनाई गई है।
- नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक 660 कि.मी. लंबी पाइपलाइन प्रक्रियाधीन है।
पुराना नाम नया नाम
हबीबगंज रेलवे स्टेशन अटल बिहारी वाजपेयी रेलवे स्टेशन
बोगीबील पुल अटल सेतु
नया रायपुर अटल नगर
रोहतांग सुरंग (हिमाचल प्रदेश) अटल सुरंग
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे अटल पथ हजरतगंज चौराहा अटल चौक
देवघर हवाई अड्डा (प्रस्तावित) अटल बिहारी वाजपेयी हवाई अड्डा
अलीगढ़ हरिगढ़
अहमदाबाद कर्णावती
शिमला श्यामला
साहिबगंज हार्बर अटल बिहारी वाजपेयी हार्बर
अगरतला हवाई अड्डा महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा
छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट
कांडला बंदरगाह दीनदयाल बंदरगाह
साबरमती घाट अटल घाट
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना भामाशाह सुरक्षा कवच
मुगलसराय रेलवे स्टेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन
बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन अमर शहीद राजा नाहर सिंह मेट्रो स्टेशन
गोरखपुर हवाई अड्डा महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डा
मियों का बड़ा गांव (बाड़मेर राजस्थान) महेश नगर
इलाहाबाद प्रयागराज
फैजाबाद अयोध्या
गुड़गांव गुरुग्राम
झारसुगुडा हवाई अड्डा (उड़ीसा) वीर सुरेंद्र साई हवाई अड्डा
व्हीलर द्वीप एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप
एकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम
हैवलॉक द्वीप स्वराज द्वीप
नील द्वीप शहीद द्वीप
रॉस द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप
दूरसंचार आयोग डिजिटल संचार आयोग चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पुरैच्ची तलैवर डॉ. एम. जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन