नासिरा शर्मा Nasira Sharma
नासिरा शर्मा Nasira Sharma का जीवन परिचय, नासिरा शर्मा का साहित्यिक परिचय, नासिरा शर्मा की रचनाएं, उपन्यास, आत्मकथा, कहानी, नाटक
जीवन परिचय
जन्म- 22 अगस्त, 1948
जन्म भूमि- प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
कर्म-क्षेत्र – साहित्यकार
काल-आधुनिक काल
भाषा- हिंदी, फारसी भाषा, उर्दू, अंग्रेज़ी और पश्तो भाषा।
नासिरा शर्मा का साहित्यिक परिचय
रचनाएं
कहानी संग्रह
पत्थर गली – 1986
शामी कागज
संगसार – 1993
इब्ने मरियम – 1994
सबीना के चालिस चोर – 1997
ख़ुदा की वापसी – 1998
इंसानी नस्ल – 2001
बुतखाना
दूसरा ताजमहल – 2002
उपन्यास
पारिजात
सात नदियां एक समंदर – 1984
शाल्मली – 1987
ठीकरे की मंगनी – 1989
जिंदा मुहावरे – 1993
अक्षयवट – 2003
कुईयांजान – 2005
जीरो रोड
अजनबी जज़ीरा
कागज़ की नाव
नाटक
दहलीज
पत्थर गली
रिपोर्ताज
जहाँ फव्वारे लहू रोते हैं (संग्रह)
नासिरा शर्मा Nasira Sharma के पुरस्कार एवं मान-सम्मान
उपन्यास कुइयांजान के लिए उन्हें यूके कथा सम्मान से नवाजा गया।
हिंदी में वर्ष 2016 साहित्य अकादमी पुरस्कार इनके उपन्यास ‘परिजात’ के लिए दिया गया।
वर्ष 2019 का नासिरा शर्मा को व्यास सम्मान उनके उपन्यास कागज की नाव पर प्रदान किया गया।
नासिरा शर्मा Nasira Sharma संबंधी विशेष तथ्य
स्त्री विमर्श की दृष्टि से नासिरा की कहानियाँ अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
इन पर प्रेमचंद, मंटो, तबस्सुम आदि का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
इनकी कहानियों पर अब तक ‘वापसी’, ‘सरज़मीन’ और ‘शाल्मली’ के नाम से तीन टीवी सीरियल और ‘माँ’, ‘तडप’, ‘आया बसंत सखि’, ‘काली मोहिनी’, ‘सेमल का दरख्त’ तथा ‘बावली’ नामक दूरदर्शन के लिए छह फ़िल्मों का निर्माण।
साहित्य अकादमी के 60 साल से ऊपर के इतिहास में हिंदी साहित्य में नासिरा शर्मा वह चौथी महिला हैं जिन्हें साहित्य अकादमी 2016 सम्मान मिला है।
इसके पहले कृष्णा सोबती (1980, जिंदगीनामा-जिंदा रख, उपन्यास), अलका सरावगी (2001 कली कथा: वाया बाईपास, उपन्यास) और मृदुला गर्ग (2013 मिलजुल मन, उपन्यास) को यह सम्मान मिल चुका है, साथ ही नासिरा शर्मा पहली मुस्लिम लेखिका हैं जिन्हें हिंदी का साहित्य अकादमी सम्मान मिला है।
इन्हें हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी , फारसी एवं पश्तो भाषाओं का बहुत गहरा ज्ञान है।