कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना

कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना जीवन-परिचय

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पूरा नाम- कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना

जन्म- 6 जनवरी, 1932

जन्म भूमि- मैनपुरी, उत्तर प्रदेश

मृत्यु -27 जनवरी, 2007 (75 वर्ष)

मृत्यु स्थान- फरीदाबाद, हरियाणा

कर्म-क्षेत्र – उपन्यासकार, लेखक, आलोचक, फ़िल्म पटकथा लेखक

भाषा- हिंदी

आन्दोलन- नई कहानी आन्दोलन ( समांतर कहानी या आम आदमी की कहानी आंदोलन)

पुरस्कार-उपाधि-
2005 में पद्मभूषण,
2003 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (कितने पाकिस्तान)

प्रसिद्धि -उपन्यासकार के रूप में ‘कितने पाकिस्तान’ ने इन्हें सर्वाधिक ख्याति प्रदान की और इन्हें एक कालजयी साहित्यकार बना दिया।

कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना का साहित्य

कमलेश्वर की रचनाएं

कहानी संग्रह : कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना जीवन-परिचय

मांस का दरिया

बयान

समग्र कहानियां -2002 (इस कहानी में इनकी 1946 से 1997 के बीच रचित 111 कहानियों का संकलन है)

देस-परदेश-2004

कस्बे का राजा

हम पैसा

खोई हुई दिशाएं

यह अकेले अपने दम पर सामांतर कहानी को आगे बढ़ाने वाले कहानीकार माने जाते हैं|

समांतर कहानी का प्रचार प्रसार सारिका पत्रिका 1974-75 के माध्यम से हुआ|

कमलेश्वर ने अकहानीवादी कहानीकारों की उच्छृंखल भोगवादी प्रवृत्तियों का विरोध करते हुए ‘धर्म युग’ पत्रिका में ‘अय्यास प्रेतों का विद्रोह’ शीर्षक से एक लेखमाला प्रकाशित करते हुए अकहानीकारों की तीव्र आलोचना की थी|

कहानियाँ

कमलेश्वर ने तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनकी कुछ प्रसिद्ध कहानियाँ हैं-

भटके हुए लोग ( शरणार्थी समस्या पर आधारित कहानी)

राजा निरबंसिया

मांस का दरिया

नीली झील

तलाश

बयान

नागमणि

अपना एकांत

आसक्ति

ज़िंदा मुर्दे

जॉर्ज पंचम की नाक

मुर्दों की दुनिया

कस्बे का आदमी

देवी की मां

बचपन में जो लिखा नहीं जाता

एक रुकी हुई जिंदगी

खोई हुई दिशाएं

उपन्यास

( प्रयोगवादी या आधुनिकताबोधवादी उपन्यासकार)

एक सड़क सत्तावन गलियाँ -1961

डाक बंगला-1962

लौटे हुए मुसाफ़िर-1963

तीसरा आदमी-1964

समुद्र में खोया हुआ आदमी-1965

काली आँधी

आगामी अतीत-1976

सुबह…दोपहर…शाम-1982

रेगिस्तान-1988

वही बात

एक और चंद्रकांता

कितने पाकिस्तान-2000 (2003 साहित्य अकादमी पुरस्कार)

नाटक

अधूरी आवाज़

रेत पर लिखे नाम

हिंदोस्ता हमारा

आत्मकथा

जलती हुई नदी

जो मैने जिया

यादों के चिराग

संस्मरण

अपनी निगाह में-1982

संपादन

अपने जीवनकाल में अलग-अलग समय पर उन्होंने सात पत्रिकाओं का संपादन किया –

विहान-पत्रिका (1954)

नई कहानियाँ-पत्रिका (1958-66)

सारिका-पत्रिका (1957-78)

कथायात्रा-पत्रिका (1978-79)

गंगा-पत्रिका(1984-88)

इंगित-पत्रिका (1961-68)

श्रीवर्षा-पत्रिका (1979-80)

अखबारों में भूमिका

वे हिन्दी दैनिक `दैनिक जागरण’ में 1990 से 1992 तक तथा ‘दैनिक भास्कर’ में 1997 से लगातार स्तंभलेखन का काम करते रहे।’

पटकथा एवं संवाद : कमलेश्वर प्रसाद सक्सेना जीवन-परिचय

कमलेश्वर ने 99 फ़िल्मों के संवाद, कहानी या पटकथा लेखन का काम किया। कुछ प्रसिद्ध फ़िल्मों के नाम हैं-

सौतन की बेटी(1989)-संवाद

लैला(1984)- संवाद, पटकथा

यह देश (1984) -संवाद

रंग बिरंगी(1983) -कहानी

सौतन(1983)- संवाद

साजन की सहेली(1981)- संवाद, पटकथा

राम बलराम (1980)- संवाद, पटकथा

मौसम(1974)- कहानी

आंधी (1974)- उपन्यास

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