Reinforcement Theory by Hull हल का प्रबलन सिद्धांत

Reinforcement Theory by Hull हल का प्रबलन सिद्धांत

Reinforcement Theory by Hull हल का प्रबलन सिद्धांत – क्लार्क लियोनार्ड हल – Clark Leonard Hull – चूहे पर भी प्रयोग – हल Hull का सूत्र आदि की जानकारी

प्रतिपादक- क्लार्क लियोनार्ड हल (Clark Leonard Hull)

निवासी- अमेरिका

पुस्तक- PRINCIPLES OF BEHAVIOR (व्यवहार के सिद्धान्त)

सिद्धान्त का प्रतिपादन , सन 1915 ई. में किया। सन 1930 और 1951 ई.में संशोधित।

प्रयोग- बिल्ली, चूहा

सिद्धान्त का आधार वाक्य ” सीखना आवश्मकता की पूर्ति के द्वारा होता है।”

सिद्धान्त के अन्य नाम : Reinforcement Theory by Hull – हल का प्रबलन सिद्धांत

गणितीय सिद्धान्त ( Mathematical Theory)

परिकल्पित निगमन सिद्धान्त (Hypothetical Deductive Theory)

आवश्यक अवकलन सिद्धान्त (Need Reduction Theory)

जैविकीय आवश्यकता का सिद्धान्त

सबलीकरण का सिद्धान्त

चालक न्यूनना का सिद्धान्त

यथार्थ अधिगम का सिद्धान्त

आवश्यकता पूर्ति का सिद्धान्त

प्रबलन/प्रोत्साहन का सिद्धान्त

आवश्यकता निष्कर्ष का सिद्धान्त

आवश्यकता ह्रास का सिद्धान्त

आमोद / प्रणोद न्यूनता का सिद्धान्त

S-0-R Learning Theory

परिष्कार का सिद्धान्त

निगमन सिद्धान्त

प्रेरणा प्रबलन ह्रास सिद्धान्त

प्रिसिंपल ऑफ बिहेवियर्स

अमेरिकी मनोवैज्ञानिक CL हल ने थॉर्नडाइक के प्रयोग व सिद्धान्त को पढ़ा और उसमें कुछ कमियां महसूस करते हुए उन्होंने 1915 ई. में अपना प्रयोग करने हुए, अपनी प्रसिद्ध पुस्तक प्रिसिंपल ऑफ बिहेवियर्स में अपना सिद्धान प्रस्तुत किया । इन्होने अपने सिहान्त को 1930 और 1951 में एक बार फिर से संशोधित किया।

चूहे पर प्रयोग

हल ने चूहे पर भी प्रयोग किया परन्तु सिद्धांत देते समम इन्होने थार्नडाइक के समान परिस्थितियों में बिल्ली पर प्रयोग किया और अपना सिद्धान्त प्रस्तुत किया । इन्होने प्रयोग करते समय प्रयोग की परिस्थितियों को बदला-

पहली बार बिल्ली को भूखी अवस्था में puzzle box में बंद किया और बाहर की तरफ मछली का टुकड़ा उद्दीपक के रूप में रखा, तब बिल्ली ने प्रयास करते हुए दरवाजा खोलना सीखा।

दूसरी परिस्थिति में बिल्ली को पहले भरपेट भोजन दिया और puzzle box में बन्द किया तथा बाहर की तरफ मछली का टुकड़ा उद्दीपक के रूप में रखा, इस बार बिल्ली ने बाहर आने का अधिक प्रयास नहीं किया।

तीसरी परिस्थिति में बिल्ली को puzzle box में भूखी अवस्था में बंद किया और बाहर आभासी भोजन रखा, तब बिल्ली ने शुरूआत में बाहर आने का प्रयास किया, परन्तु बार-बार आभासी भोजन देने से बिल्ली ने बाहर आना बन्द कर दिया।

सिद्धांत का निष्कर्ष : Reinforcement Theory by Hull

इन अलग-अलग परिस्थितियों में प्रयोग करने के बाद C.L. हल ने सिद्ध किया कि जब बिल्ली भूखी थी और उसे भोजन की आवश्यकता थी तब वह बाहर आने का प्रयास कर रही थी, बाहर रखा भोजन उसके लिए पुनर्बलन का काम कर रहा था।

जब बिल्ली ने भरपेट भोजन कर लिया था और उसे भोजन की आवश्यकता नहीं थी तब बिल्ली ने बाहर आने का प्रयास नहीं किया।

तीसरी परिस्थिति में जब बाहर आने पर पुनर्बलन नहीं मिला तब भी बिल्ली ने बाहर आना बन्द कर दिया अर्थात कोई भी प्राणी उसी कार्म को बार-बार करता है, जिस कार्य को करने से उसकी आवश्यकता पूर्ति होती हैं और आवश्यकता पूर्ति उस प्राणी के लिए पुनर्बलन होता है।

कथन

स्किनर- “अधिगम के साहचर्य से संबधित सिद्धान्तों में हल का सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ है।”
स्टोन्स’- “सीखने का आधार, आवश्यकता कि पूर्ति की प्रक्रिया है। यदि कोई कार्य पशु या मानव की किसी आवश्यकता को पूरा करता है तो वह उसको सीख लेता हैं ।”

हल ने एक सूत्र का प्रतिपादन

B = D x H
B = व्यवहार
D = चालक
H = आदत
S.O.R. सूत्र को स्वीकार किया है ।

सिद्धान्त की उपयोगिता : Reinforcement Theory by Hull

इस सिद्धान्त के आधार पर ही विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रम की विषम वस्तु का निर्माण किया जाता है।

यह सिद्धान्त प्रोत्साहन पर बल देता है।

यह चालक के महत्त्व को स्पष्ट करता है।

सकारात्मक पुनर्बलन पर बल देता हैं।

यह सिद्धान्त आवश्यकता के महत्त्व को स्पष्ट करता है।

बालक को सीखने की अभिप्रेरणा देता है।

यह सिद्धान्त उच्च स्तर के लिए अधिक उपयोगी है।

यह सिद्धान्त वास्तविक जीवन से जोड़ने पर बल देता हैं।

अभ्यास पर बल, कृत्रिम प्रोत्साहन व पुरस्कार के प्रयोग पर बल देता है।

विशेष- पाठयक्रम की विषय वस्तु का निर्माण हल के सिद्धान्त के आधार पर किया जाता है, जबकि पाठमक्रम का निर्माण गेस्टाल्ट थ्योरी पर आधारित है।

कल्पना अर्थ एवं स्वरूप

पाठ्य पुस्तकों का महत्त्व

हिंदी व्याकरण

हिंदी शिक्षण विधियां

Free Online Test Series

Download PDF

Computer

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण दिवस

प्रसिद्ध एवं महान व्यक्तित्व के जीवन परिचय

कवि, साहित्यकार एवं लेखकों के जीवन परिचय

Leave a Comment