Computer History Timeline – कम्प्यूटर इतिहास टाईम लाइन (Part-01)
Computer History Timeline | अबेकस | एल्गोरिदम | कैलकुलेटर | नेपियर बोन्स | स्लाइड रूल | पास्कलीन | पंच कार्ड | चार्ल्स बैबेज डिफरेंशियल इंजन
परिचय
1822 में चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया पहला मैकेनिकल कंप्यूटर वास्तव में ऐसा नहीं था, जो आज का कंप्यूटर है। जैसे जैसे समय बीतता गया तकनीक और अधिक विकसित होती गई और उसका स्वरूप हमारे सामने है। आने वाले समय और अधिक विकसित होगा। कम्प्यूटर क्षेत्र में कब किसने क्या योगदान दिया आइए जानते हैं
30,000 ई.पू. ऐसा माना जाता है कि यूरोप में पैलियोलिथिक लोग हड्डियों, हाथी दांत और पत्थर पर निशान निशान बनाकर कोई रिकॉर्ड रखते थे।
3500 ई.पू. लेखन का पहला सबूत मिलता है।
3400 ई.पू. मिस्र के लोगों ने 10 की संख्या के लिए एक प्रतीक बनाया ताकि बड़ी बड़ी गणनाएं आसानी से हो सकें।
3000 ई.पू. मिस्र में सबसे पहले हाइरोग्लिफ़िक अंक का उपयोग किया जाता है।
अबेकस
2600 ई.पू. चीन ने अबेकस का आविष्कार किया।
1000 ई.पू. एंटीकाइथेरा सिस्टम को बनाया गया।
300 ई.पू. यूक्लिड नामक गणितज्ञ ने यूनानियों की 13 पुस्तकों को प्रस्तुत किया जो गणितीय ज्ञान को संक्षेप मं प्रस्तुत करती हैं।
300 ई.पू. यूक्लिड ने यूक्लिडियन एल्गोरिथम बनाया, जिसे पहला एल्गोरिदम माना जाता है। उनके गणित और ज्यामिति आज भी पढ़ाए जाते हैं।
300 ई.पू. आज के अबेकस जैसा हाथ अबेकस बना।
260 ई.पू. माया गणित की आधार -20 प्रणाली विकसित करती है, जो शून्य का परिचय देती है।
1000 A.D. गार्बर्ट डी’रिलैक के नाम का एक चर्चमैन जो बाद में पोप सिल्वेस्टर II बनता है, यूरोप में अबेकस और हिंदू-अरबी गणित के महत्व को समझाते हैं।
1440 जोहान्स गुटेनबर्ग ने अपने पहले प्रिंटिंग प्रेस गुटेनबर्ग प्रेस के विकास को पूरा किया।
1492 लियोनार्डो दा विंसी 13 अंकों के cog-wheeled adder वाले योजक का डायग्राम बनाया।
1500 में लियोनार्डी दा विंची ने एक यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया।
1605 में फ्रांस के बेकन ने एक संदेश लिखने वाले ए बी के संदेशों को सांकेतिक शब्दों में बदलने के लिए एक साइफर बेकेनियन सिफर का उपयोग किया।
1613 “कंप्यूटर” शब्द पहली बार 1613 में इस्तेमाल किया गया।
1617 जॉन नेपियर ने हाथी दांत से “नेपियर बोन्स” नामक एक प्रणाली शुरू की, जो अंकों का जोड, घटाव व गुणा कर सकता थी।
1621 में विलियम मस्ट्रेड ने सर्कुलर स्लाइड रूल का आविष्कार किया गया।
1623 में जर्मनी के विल्हेम स्किकार्ड ने पहली यांत्रिक गणना मशीन बनाई। यह मशीन नेपियर बोंस की तरह हड्डियों द्वारा बनाई गई।
1632 में कैम्ब्रिज के विलियम मस्टर्ड ने स्लाइड रूल जैसा एक उपकरण बनाने के लिए दो गंटर नियमों को संयोजित किया।
1642 में फ्रांस के ब्लेज पास्कल पास्कलीन नामक यंत्र बनाया जो गणनाएं कर सकता था।
1671 गॉटफ्रीड लीबनिज़ ने स्टेप रेकनर बनाया जो स्क्वेयर रूट को गुणा, भाग व मूल्यांकन करता था।
1679 में गॉटफ्रीड लीबनिज बाइनरी अंकगणित की खोज की। बाइनरी में प्रत्येक संख्या को केवल 0 और 1 द्वारा दर्शाया जा सकता है।
1725 को फ्रांस में बेसिल बाउचॉन ने एक लूम का आविष्कार किया जिसमें एक छिद्रित पेपर टेप रोल का उपयोग किया गया था, जिसे बाद में 1728 में उनके सहायक जीन-बैप्टिस्ट फाल्कन ने पंच कार्ड का उपयोग करने के लिए अपग्रेड किया। यह पूरी तरह से स्वचालित नहीं था।
1801 में फ्रांसिस जोसेफ-मैरी जैक्वार्ड ने पहली बार जैक्वार्ड लूम का प्रदर्शन किया।
1804 फ्रांसिस जोसेफ मैरी जैक्वार्ड ने पूरी तरह से स्वचालित लूम को पूरा किया जो पंच कार्ड द्वारा क्रमानुसार आदेश प्राप्त करता था।
1820 में चार्ल्स जेवियर थॉमस डी कॉलमार ने अरिथोमीटर नामक पहली व्यावसायिक रूप से सफल गणना मशीन बनाई।
यह न केवल जोड़, बल्कि घटाव, गुणा और भाग भी कर सकता था।
1822 की शुरुआत में, चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंशियल इंजन विकसित करना शुरू किया, जिसमें पहला मैकेनिकल प्रिंटर शामिल था।
1823 में बैरन जोन्स जैकब बर्ज़ेलियस ने सिलिकॉन निर्मित सीआई की खोज की, जो आज के आईसी (एकीकृत सर्किट) का मूल घटक है।
1832 में कोर्साकोव ने पहली बार जानकारी स्टोरज के लिए के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया।
1836 को शेमूएल मोर्स और अल्फ्रेड वेल ने एक कोड विकसित करना शुरू किया जिसे मोर्स कोड कहा गया।
इसमें अंग्रेजी वर्णमाला और दस अंकों के अक्षरों का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न संख्याओं का उपयोग किया।
1837 में चार्ल्स बैबेज ने पहली बार एनालिटिकल इंजन बनाया, जो कि कंप्यूटर को मेमोरी के रूप में पंच कार्ड और कंप्यूटर को प्रोग्राम करने का एक तरीका था।
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1845 इज़्रेल स्टाफ़ेल ने वारसॉ में औद्योगिक प्रदर्शनी में स्टाफ़ के कैलकुलेटर का प्रदर्शन किया।
1854 ऑगस्टस डेमोरोन और जॉर्ज बोले ने तार्किक कार्यों के एक सेट को व्यवहारिक रूप दिया।
1860 में 29 फरवरी को हरमन होलेरिथ का जन्म हुआ।
1868 में क्रिस्टोफर शोल्स ने एक टाइपराइटर के लिए QWERTY लेआउट कीबोर्ड का उपयोग किया और 14 जुलाई 1868 को इसका पेटेंट ले लिया।
1877 को संयुक्त राज्य अमेरिका के एमिल बर्लिनर ने माइक्रोफोन का आविष्कार किया।
1878 में कीबोर्ड रेमिंग्टन नंबर 2 टाइपराइटर कुंजी रखने वाला पहला कीबोर्ड 1878 में पेश किया गया था।
1884 में हरमन होलेरिथ ने द होलेरिथ इलेक्ट्रिक टेबुलेटिंग सिस्टम बनाया।
1889 में हरमन होलेरिथ ने सबसे पहले अपने डॉक्टरेट थीसिस में टेबुलेटिंग मशीन का वर्णन किया।
1890 में हरमन होलेरिथ ने मशीनों से अमेरिकी जनगणना के लिए पंच कार्डों द्वारा रिकॉर्ड करने और संग्रहीत करने के लिए एक प्रणाली विकसित की और एक कंपनी गठित की जिसे आज आईबीएम के नाम से जाना जाता है।
1893 में पहला अंडरवुड टाइपराइटर का आविष्कार किया गया।
1896 में हर्मन होलेरिथ ने टैबुलेटिंग मशीन कंपनी शुरू की।
कंपनी बाद में प्रसिद्ध कंप्यूटर कंपनी आईबीएम (इंटरनेशनल बिजनेस मशीन) बन गई।
1904 को एप्पल macOS का युग शुरू हुआ।
1904 में ही जॉन एंब्रोज फ्लेमिंग ने एडिसन के डायोड वैक्यूम ट्यूबों के साथ प्रयोग किया और पहला वाणिज्यिक डायोड वैक्यूम ट्यूब बनाया।
1907 में ली डी फ्रॉस्ट ने वैक्यूम ट्यूब ट्रायोड के लिए पेटेंट दायर किया।
बाद में इस पेटेंट को बाद में पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक स्विच के रूप में उपयोग किया है।
1907 आईबीएम ने 11 अक्टूबर 1907 को अपने पहले अमेरिकी पेटेंट के लिए दायर किया।
कम्प्यूटर इतिहास टाईम लाइन – Computer History Timeline (Part – 01)
कम्प्यूटर इतिहास टाईम लाइन – Computer History Timeline (Part – 02)
अतः हमें आशा है कि आपको यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी। इस प्रकार जी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप https://thehindipage.com पर Visit करते रहें।
नमस्कार सर
सर आपकी यह पोस्ट मुझे बहुत ही अच्छी लगी और मैं चाहता हूं कि आप आगे भी इसी तरह की पोस्ट डालते रहें इसके साथ साथ ही आप वर्ल्ड और एक्सेल में कैसे काम किया जाए इस पर भी कोई पोस्ट डालिए ताकि हम जैसे जो कंप्यूटर के क्षेत्र में नए लोग हैं उन्हें कोई फायदा मिल सके साथ ही सर कक्षा 11 और 12 के कंप्यूटर पाठ्यक्रम पर भी कुछ सामग्री अवश्य प्रकाशित करें ताकि लॉकडाउन में विद्यार्थियों को फायदा मिल सके
ऐसा बेहतरीन सुझाव देने के आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपको अधिक से अधिक मैटर उपलब्ध करवाने हेतु हम निरन्तर प्रयासरत हैं। हमारे साथ यूं ही बने रहियेगा। आपका पुनः धन्यवाद।