Google का नाम Google ही क्यों पड़ा?

Google का नाम Google

Google का नाम Google ही क्यों पड़ा? Google का नाम Google ही क्यों रखा गया? Google के लोगो का कलर और इसकी विशेषता

इंटरनेट का विचार दिमाग में आते ही हमें स्क्रीन पर Google की कल्पना होने लगती है।

बिना Google हम इंटरनेट की कल्पना भी नहीं कर सकते।

इन सब के बीच में एक प्रश्न उत्पन्न होता है कि

Google का नाम Google ही क्यों रखा गया?

Google से हम हर विषय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, साहित्य, मनोरंजन, शोधकार्य आदि सभी में हमारी सहायता करता है। दुनिया का सबसे बड़ा Search Engine – Google। गूगल ने हमारे जीवन को इतना प्रभावित कर दिया है कि आज के युग में जब भी हमें किसी प्रकार की जरूरत होती है तो हम Google पर उसका समाधान कुछ क्षणों में ही ढूंढ लेते हैं। आज के समय में Google Search Engine बहुत ही शक्तिशाली सहायक सिद्ध हो रहा है।

क्या इसे हम आज से गुगोल (Googol) कह कर पुकारें?

Googol कैसा रहेगा?

Googol नाम से असहज से हो जाते हैं,

क्योंकि हमारे मस्तिष्क में गूगल नाम का ही अस्तित्व है।

जैसे किसी का नाम राम हो तो हम उसे मोहन नहीं पुकार सकते।

गुगोल नाम अटपटा सा लगता है।

किंतु सर्वप्रथम Google का नाम Googol ही रखा गया था। हाँ जी, गुगोल।

Googol एक गणितीय शब्द है

गूगल के फाउंडर लैरी पेज और सर्जी ब्रिन ने गूगल की शुरूआत की तो उन्होंने गूगल का नाम गुगोल ही रखा था।

Edward Kasner और James Newman के द्वारा लिखे गए किताब Mathematics and Imagination में लिखे गए शब्द ‘GOOGOL’  से प्रेरित होकर Larry Page और Sergey Brian ने अपने सर्च इंजन का नाम चुना।

गुगोल = 10100

गुगोल एक गणितीय शब्द है, जिसको हम 10100 (दस की घात सौ) इस प्रकार लिख या दर्शा सकते हैं। इसका अर्थ है कि 1 के बाद 100 शून्य (जीरो) होते हैं। इस प्रकार- 10, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000 , 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000,000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000, 000.

इसका उद्देश्य है कि जब कोई Google पर कुछ भी Search करे तो गूगल उस सर्च किए गए Content को 100 Pages में सर्च करे और User को कम से कम 100 Results Show करे ताकि यूजर को उसकी मनचाही सूचना प्राप्त हो सके।

गलती के कारण

गूगल नामक Search Engine बनाने का कारण भी यही था कि यह सूचना को बेहतरीन तरीके से ढूंढ कर लाये।

गूगोल की स्पेलिंग GOOGOL थी, लेकिन एक छोटी सी गलती के कारण ये GOOGLE बन गया।

बाद में इस गलती को सुधारा नहीं गया और इसका नाम GOOGLE ही रहने दिया गया।

गूगल को बनाने का उद्देश्य था कि एक ऐसा सर्च इंजिन बनाया जाये जो किसी भी बेवसाइट को अच्छे तरीके से खोजकर सूचनाएं प्रदर्शित कर सके।

सर्च इंजिन क्या है?

पहला सर्च इंजिन कौनसा था?

Google के लोगो का कलर और इसकी विशेषता

Google के Logo में Rainbow Color दिया गया है।

इसका कारण है कि Rainbow (इन्द्रधनुष) कलर से मनुष्य का दिमाग सदैव खुशी प्राप्त करता रहता है।

इसी कारण गूगल यूजर्स एवं गूगल के कर्मचारी कार्य करते समय हमेशा खुशी एवं ऊर्जावान होकर कार्य कर सकें।

इसके अलावा ये कलर पूरी स्क्रीन पर अन्य सभी कलर से अलग और आकर्षित लगते हैं।

वर्तमान में गूगल के CEO भारतीय मूल के सुन्दर पिचाई हैं। सुंदर पिचई के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।

भारत में सर्वप्रथम इंटरनेट का इस्तेमाल 15 अगस्त 1995 को किया गया था।

गूगल कम्पनी के बारे में

गूगल कैलिफाॅर्निया में स्थित एक अमेरिकी कम्पनी है।

Google का पूरा नाम क्या है?

गूगल का फुल फॉर्म है- GLOBAL ORGANIZATION of ORIENTED GROUP LANGUAGE of EARTH

कम्प्यूटर क्षेत्र में विश्व में प्रथम (First in computer field in the World)

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सर्च इंजिन क्या है?

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अतः हमें आशा है कि आपको यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी। इस प्रकार जी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप https://thehindipage.com पर Visit करते रहें।

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