नहीं है खबर मुझे

नहीं है खबर मुझे

नहीं है खबर मुझे – अरुण स्वामी द्वारा रचित कविता

मैं किस मुकाम पर हूँ नहीं है खबर मुझे,
मुकद्दर ने मारा कैसा खंजर मुझे?
मंजिल पर आके अपनी अजब हादसा हुआ,
मैं धड़कन को भूल गया और मेरा दिल मुझे!

-अरुण स्वामी

नहीं है खबर मुझे
नहीं है खबर मुझे

दिल कहाँ रखा?????

बेदाग जिन्दगी

भटूरे (Bhature)

विज्ञान तथा प्रकृति (Science and Nature)

कविता क्या है?

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