भारत और राजस्थान में कृषि

भारत और राजस्थान में कृषि

भारत और राजस्थान में कृषि | कृषि जलवायु क्षेत्र | भारत तथा राजस्थान की प्रमुख फसलें | भारत और राजस्थान में फसल उत्पादन | खेती के प्रकार |

‘कृषि’ शब्द लेटिन भाषा से लिया गया है।

भारत में कुल श्रमशक्ति का 56% कृषि क्षेत्र में कार्यरत है।

कृषि जलवायु क्षेत्र

जलवायु के आधार पर भारत को 15 कृषि जलवायु क्षेत्र में विभाजित किया गया है-

  1. पश्चिमी हिमालयी भाग
  2. पूर्वी हिमालयी भाग
  3. निचला गांगेय मैदानी क्षेत्र
  4. मध्य गांगेय मैदानी क्षेत्र
  5. उच्च गांगेय मैदानी क्षेत्र
  6. गांगेय-पार मैदानी क्षेत्र
  7. पूर्वी पठार तथा पर्वतीय क्षेत्र
  8. केन्द्रीय पठार तथा पर्वतीय क्षेत्र
  9. पश्चिमी पठार तथा पर्वतीय क्षेत्र
  10. दक्षिणी पठार तथा पर्वतीय क्षेत्र
  11. पूर्वी तटीय मैदानी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र
  12. पश्चिमी तटीय मैदानी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र
  13. गुजरात मैदानी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र 14. पश्चिमी मैदानी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र
  14. द्वीप क्षेत्र

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

राज्य कृषि मंत्री लालचंद कटारिया

कृषि गणना भारत सरकार के कृषि व सहकारिता विभाग द्वारा 5 वर्ष के अंतराल से कराई जाती है।

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का जीडीपी में योगदान 17.90% है।

कृषि सबसे डूबा हुआ सेक्टर है।

भारत का औसत जोत आकार 1.5 हैक्टेयर।

भारत में सर्वाधिक औसत जोत आकार नागालैंड 6.02% है

राजस्थान का औसत जोत आकार 3.07 हेक्टेयर है।

भारत के कुल क्षेत्र के 51 से 52% भाग पर कृषि की जाती है।

एशिया का सबसे बड़ा कृषि फार्म सूरतगढ़ श्री गंगानगर रूस के सहयोग से 15 अगस्त 1956 में शुरू किया गया।

भारतीय कृषि/राजस्थान की कृषि मानसून पर आधारित होने के कारण इसे मानसून का जुआ कहा जाता है।

‘मानसून’ शब्द अरबी भाषा का शब्द है।

राजस्थान में शीत ऋतु में भूमध्य सागर से उत्पन्न पश्चिमी विक्षोभ के द्वारा होने वाली वर्षा मावठ कहलाती है।

इसे गोल्डन ड्रॉप्स के नाम से भी जाना जाता है।

क्योंकि यह वर्षा रवि फसल हेतु अच्छी मानी जाती है।

राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना तथा अन्य सिंचाई परियोजनाओं के अलावा शुष्क खेती (ड्राई फार्मिंग) की जाती है।

मिश्रित खेती = फसल उत्पादन + पशु पालन + मधुमक्खी पालन।

जैविक खेती

भारत का प्रथम जैविक खेती करने वाला राज्य – उत्तराखंड

भारत का पूर्णता जैविक खेती करने वाला राज्य – सिक्किम

राजस्थान का जैविक खेती करने वाला जिला – डूंगरपुर

भारत तथा राजस्थान की प्रमुख फसलें

ऋतु के आधार पर फसलों को 3 भागों में विभाजित किया जाता है।

खरीफ/वर्षा/स्यालू/सावनी

जून से जुलाई में बोई जाती है। मक्का, कपास, गन्ना, बाजरा, सोयाबीन, ग्वार, तिल, धान, अरंडी, मूंग, मूंगफली, अरहर, उड़द, आदि।

रबी/शरद/उनालू – (अक्टूबर-नवंबर)

गेहूं, सरसों, चना, जौ तारामीरा, मसूर, मटर, आलू, जीरा, मेथी, धनिया, जूट आदि।

बसंत/जायद (मार्च से जून)

प्रमुख फसलें – खरबूजा, ककड़ी, खीरा, ग्वार चंवला मुख्यतः सब्जियां।

दलहनी फसलें – चना, मूंग, मोठ, उड़द, चंवला, अरहर, मसूर, सोयाबीन सर्वाधिक प्रोटीन)

खाद्यान्न फसले

गेहूं, धान, बाजरा, ज्वार, मक्का, जौ आदि।

रेशे वाली फसलें

कपास, जूट, पटसन, अलसी।

नगदी या व्यापारिक फसलें

कपास, गन्ना, ग्वार, चुकंदर, जूट, चाय, तंबाकू, आलू।

तिलहनी फसलें- सोयाबीन, सरसों, तारामीरा, अलसी, मूंगफली, तिल, अरंडी, सूरजमुखी।

चारे वाली फसलें- बरसीम, रिजका, जई

प्रमुख फसलों का उत्पादन (विश्व में)

धान – भारत > चीन > यूएसए

गेहूं – चीन > भारत > इंडोनेशिया

कपास – चीन > भारत > यूएसए

चाय – चीन > भारत

तंबाकू – भारत का दूसरा स्थान

विश्व में भारत हल्दी, नारियल, काली मिर्च, आम, केला, अदरक, चीकू अधिक उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है।

फल व सब्जियों में द्वितीय स्थान रखता है।

भारत और राजस्थान में फसल उत्पादन

धान पश्चिम बंगाल उत्तर प्रदेश पंजाब बूंदी हनुमानगढ़

गेहूं उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पंजाब श्री गंगानगर हनुमानगढ़

कपास महाराष्ट्र गुजरात हनुमानगढ़

गन्ना उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक श्रीगंगानगर

चाय असम पश्चिम बंगाल

बाजरा राजस्थान अलवर जयपुर सर्वाधिक क्षेत्रफल बाड़मेर

कुल खाद्यान्न– उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश पंजाब राजस्थान श्री गंगानगर

कुल तिलहन मध्य प्रदेश राजस्थान

दलहन मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान राजस्थान में जीरा का उत्पादन जोधपुर, बाड़मेर।

धनिया का उत्पादन- झालावाड़, कोटा, बारा

इसबगोल का विश्व में प्रथम स्थान – भारत इसबगोल का भारत में सर्वाधिक उत्पादन – राजस्थान (लगभग 40%)

राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन – बाड़मेर जालौर

प्रमुख संस्थान

कटक (उड़ीसा) – राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान

सेवर भरतपुर (1992) – राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान संस्थान

केरल राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान संस्थान – तबीजी (अजमेर) – राष्ट्रीय मसाला अनुसंधान संस्थान

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान CAZRI (काजरी) – जोधपुर

उपनाम

भारत में मसालों का घर – केरल

सोया स्टेट के नाम से प्रसिद्ध- मध्यप्रदेश

भारत-का अन्न भंडार – पंजाब

भारत:का चावल का कटोरा – कृष्णा गोदावरी डेल्टा

भारत में सर्वाधिक खेती धान की होती है

भारत में सर्वाधिक उपज देने वाली फसल – चावल

सर्वाधिक दाल उत्पादक राज्य – मध्य प्रदेश

सर्वाधिक जूट उत्पादक राज्य – पश्चिम बंगाल

भारत में सर्वोत्तम चाय – दार्जिलिंग

सर्वाधिक प्राकृतिक रबड़ उत्पादक – केरल

 

गन्ने में मुख्यतः लाल सड़न रोग लगता है।

विश्व की प्रथम ट्रांसजेनिक फसल – तंबाकू

भारतीय प्रथम ट्रांसजेनिक फसल – कपास

कृषि संबंधी क्रांतियाँ

हरित क्रांति 1966 दूसरी पंचवर्षीय योजना में।

उद्देश्य – अनाज उत्पादन बढ़ाना

हरित क्रांति के जनक भारत में डॉ. एम एस स्वामीनाथन

विदेश में बोरलॉग

हरित क्रांति शब्द विलियम गॉड ने दिया।

सुनहरी क्रांति/गोल्ड क्रांति – बागवानी उत्पादन (फल)

यलो/पीली क्रांति – तिलहन उत्पादन

सफेद क्रांति – दुग्ध उत्पादन (1977 वर्गीज कुरियन द्वारा उत्तर प्रदेश से शुरुआत)

काली या कृष्ण क्रांति – जेट्रोफा उत्पादन पेट्रोल में बुद्धि

नीली क्रांति – मछली या पीसी कल्चर।

भूरी क्रांति- खाद्य प्रसंस्करण, पेस्टिसाइड

लाल क्रांति – टमाटर/मास उत्पादन

गोल क्रांति – आलू उत्पादन में वृद्धि

गुलाबी क्रांति – झींगा मछली से संबंधित रजत क्रांति कपास उत्पादन से संबंधित

बादामी क्रांति – मसालों के उत्पादन में वृद्धि

सनराइज क्रांति – बिजली उपकरणों से संबंधित

अमृत क्रांति – नदियों को आपस में जोड़ने वाली क्रांति

इंद्रधनुष क्रांति – सभी क्रांतियों पर निगरानी रखने वाली क्रांति

कल्चर अथवा पालन

लेक कल्चर – लाख कीट पालन

सेरीकल्चर – रेशम कीट पालन

वर्मी कल्चर – केंचुआ पालन

एपीकल्चर – मधुमक्खी पालन

विटीकल्चर – अंगूर की खेती करना

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हाइड्रोपोनिक्स – बिना मृदा के जल में पौधे उगाना

हॉर्टिकल्चर – उद्यान विज्ञान

पीसी कल्चर – मछली पालन

ऑलिवो कल्चर- जमीन पर फैलने वाली सब्जियां

फ्लोरीकल्चर – फूलों की खेती

एक्वाकल्चर – जलीय जीव पादप

आईबरीकल्चर – सब्जियों की खेती

पोमोलॉजी – फलों की खेती

कृषि संबंधी प्रमुख दिवस

15 मार्च – विश्व उपभोक्ता दिवस

16 अक्टूबर – विश्व खाद्य दिवस

3 दिसंबर – राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस

5 दिसंबर – विश्व मृदा दिवस

23 दिसंबर – विश्व किसान दिवस

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 19 फरवरी 2015 सूरतगढ़ श्री गंगानगर से शुरुआत।

ICAR भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र – नई दिल्ली स्थापना 16 जून 1929

खेती के प्रकार

शुष्क खेती

भारत में मुख्यतः पश्चिमी क्षेत्र में की जाती है।

झूमिंग/स्थानांतरण/शिफ्टिंग खेती – यह मुख्यतः आदिवासियों द्वारा की जाती है। उत्तर प्रदेश व उड़ीसा – पेंडा/पेडा के नाम से

असम झूम कृषि

मणिपुर पामलू

राजस्थान वालरा

जैविक खेती

मिक्सड क्रोपिंग/मिश्रित शस्यन – दो फसलें एकसाथ उगाना जैसे सरसों + चना

राजस्थान का अन्न भंडार-श्रीगंगानगर

राजस्थान का नागपुर – झालावाड़

मेहंदी- सोजत (पाली), गिलुंड (राजसमंद)

चेती गुलाब – खमनोर

हरी मेथी – ताऊसर (नागौर)

राजस्थान का सर्वाधिक सिंचित जिला – श्रीगंगानगर

न्यूनतम सिंचित जिला – चूरू

किन्नु/माल्टा – श्रीगंगानगर

राजस्थान का बाजरा, ग्वार, जीरा, मेथी, मोठ उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान सुनहरा रेशा – पटसन

भारतीय सब्जी शोध संस्थान- वाराणसी

भौतिक प्रदेश

अपवाह तंत्र

पारिस्थितिकी

जैवमंडल Biosphere

सूर्य ग्रहण

भारत में परिवहन

भारत और राजस्थान में कृषि

भारत में परिवहन

भारत में परिवहन

भारत में परिवहन सड़क परिवहन रेल परिवहन वायु परिवहन जल परिवहन पाइपलाइन परिवहन राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाएँ

यातायात एवं परिवहन साधनों की दृष्टि से भारतीय संसाधन निम्न भागों में वर्गीकृत किए गए हैं-

  1. सड़क परिवहन
  2. रेल परिवहन
  3. वायु परिवहन
  4. जल परिवहन
  5. पाइपलाइन परिवहन

सड़क परिवहन

राजकीय राजमार्गों का प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा होता है।

इनका नियंत्रण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है।

डलहौजी के काल में 1856 में इस विभाग की स्थापना की गई थी।

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गठन 15 जून 1989 को किया गया। प्राधिकरण ने 1995 से कार्य शुरू किया।

भारत में सड़कों का जाल विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क जाल है।

इसकी कुल लंबाई 56 लाख किमी है।

सड़क निर्माण का पहला गंभीर प्रयास 1943 में नागपुर योजना बनाकर किया गया। (असफल प्रयास)

देश में प्रबंधन के आधार पर सड़कों को विभिन्न भागों में विभक्त किया गया है-

  1. राष्ट्रीय राजमार्ग
  2. राज्य राजमार्ग – देश की कुल सड़कों की लंबाई का 4% है।
  3. जिला सड़के – देश की कुल सड़कों की लंबाई का 14% है।
  4. ग्राम सड़के – देश की कुल सड़कों की लंबाई का 80% है।
  5. सीमावर्ती सड़के

सीमावर्ती सड़कों का प्रबंधन और निर्धारण सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाता है।

सीमा सड़क विकास बोर्ड की स्थापना 1960 में की गई।

राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई वाले राज्य

  1. उत्तर प्रदेश
  2. राजस्थान
  3. मध्य प्रदेश

राज्य राजमार्गों की सर्वाधिक लंबाई वाले राज्य

  1. महाराष्ट्र
  2. गुजरात

3.मध्य प्रदेश

ये सड़कें राज्य के सभी जिला मुख्यालयों को राज्य की राजधानी से जोड़ते हैं।

सड़कों का सर्वाधिक घनत्व-केरल में

सड़कों का न्यू. घनत्व-जम्मूकश्मीर में

केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वाधिक सड़क घनत्व – 1. दिल्ली 2. चंडीगढ़ में है।

भारत में कुल सड़कों की सर्वाधिक लंबाई महाराष्ट्र में है।

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाएँ : भारत में परिवहन

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना देश के चार महानगरों दिल्ली- मुम्बई- चेन्नई-कोलकाता को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाली परियोजना है। इसकी कुल लम्बाई 5846 कि०मी० है।

दिल्ली – मुंबई =  1419 किमी

मुंबई – चेन्नई =  1290 किमी

चेन्नई – कोलकाता = 1684 किमी

कोलकाता – दिल्ली = 1453 किमी

यह परियोजना कुल 13 राज्यों से होकर गुजराती है।

 

पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण गलियारा पूर्व

  1. पश्चिम गलियारा – सिलचर (असम) से पोरबंदर (गुजरात) तक
  2. उत्तर दक्षिण गलियारा – श्रीनगर से कन्याकुमारी तक।

भारतमाला एक प्रस्तावित वृहद् योजना है

(i) तटवर्ती भागों से लगे हुए राज्यों की सड़कों का विकास/सीमावर्ती भागों तथा छोटे बंदरगाहों को जोड़ना।

(ii) पिछड़े इलाकों, धार्मिक, पर्यटन स्थलों को जोड़ने की योजना।

(iii) सेतू भारतम् परियोजना के अंतर्गत 1500 बड़े पुलों तथा 200 रेल ओवर ब्रिज/रेल अंडर ब्रिज का निर्माण।

(iv) लगभग 900 कि.मी. के नए घोषित किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए जिला मुख्यालय जोड़ने की योजना।

यह कार्यक्रम 2022 तक पूरा किया जाना है।

भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग  NH 7 (44)

NH 1D लेह से श्रीनगर (काराकोरम दर्रा) यह विश्व का सबसे ऊंचा सड़क मार्ग है।

NH 1 जालंधर से श्रीनगर (बनिहाल दर्रा) यह सुरंग हेतु प्रसिद्ध है।

ग्रांड ट्रक रोड (जीटी रोड) – प्रारंभ में इसका निर्माण शेर शाह सूरी द्वारा सिंधु घाटी (पाकिस्तान) से सोनार घाटी (बंगाल) तक करवाया गया।

ब्रिटिश काल में इसे ग्रांड ट्रक रोड के नाम से नामित किया गया।

वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग 1 व 2 को सम्मिलित रूप से ग्रांड ट्रक रोड कहा जाता है।

यह वर्तमान में अमृतसर से कोलकाता तक विस्तृत विस्तृत है।

रेल परिवहन

महात्मा गांधी ने कहा था- “भारतीय रेलवे ने विविध संस्कृति के लोगों को एक साथ लाकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है।”

भारतीय रेल की स्थापना 1853 में हुई तथा मुंबई (बंबई) से थाणे के बीच 34 कि.मी. लंबी रेल लाइन निर्मित की गई।

भारतीय रेल जाल की कुल लंबाई 66030 कि.मी. है (31 मार्च, 2015 तक) ।

रेलवे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेल के तीन वर्ग बनाए गए हैं-

  1. बड़ी लाइन (Broad Guage) ब्रॉड गेज में रेल पटरियों के बीच की दूरी 1.616 मीटर होती है। ब्रॉड गेज लाइन की कुल लंबाई सन् 2016 में 60510 कि.मी. थी।
  2. मीटर लाइन (Meter Guage) – इसमें दो रेल पटरियों के बीच की दूरी एक मीटर होती है। इसकी कुल लंबाई 2016 में 3880 कि.मी. थी।
  3. छोटी लाइन (Narrow Guage) इसमें दो रेल पटरियों के बीच की दूरी 0.762 मीटर या 0.610 मीटर होती है। इसकी कुल लंबाई 2016 में 2297 कि.मी. थी। यह प्रायः पर्वतीय क्षेत्रों तक सीमित है।

कोंकण रेलवे

1998 में कोंकण रेलवे का निर्माण भारतीय रेल की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

यह 760 कि.मी. लंबा रेलमार्ग महाराष्ट्र में रोहा को कर्नाटक के मंगलौर से जोड़ता है।

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वायु परिवहन : भारत में परिवहन

भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 में हुई, जब इलाहाबाद से नैनी तक की 10 कि.मी. की दूरी हेतु वायु डाक प्रचालन संपन्न किया गया था।

भारत में वायु परिवहन का प्रबंधन एयर इंडिया द्वारा किया जाता है।

पवन हंस एक हेलीकॉप्टर सेवा है जो पर्वतीय क्षेत्रों में सेवारत है।

पाइपलाइन परिवहन : भारत में परिवहन

आयल इंडिया लिमिटेड (ओ.आई.एल.) कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के अन्वेषण, उत्पादन और परिवहन में संलग्न है।

देश की प्रमुख पाइपलाइन

  1. एशिया की पहली 1157 कि.मी. लंबी देशपारीय पाइपलाइन असम के नहरकरिटया तेल क्षेत्र से बरौनी के तेल शोधन कारखाने तक।
  2. अंकलेश्वर-कोयली, मुंबई – हाई – कोयली तथा हजीरा – विजयपुर -जगदीशपुर (HVJ) का निर्माण किया गया।
  3. सलाया (गुजरात) से मथुरा (उ.प्र.) तक 1256 किमी बनाई गई है।
  4. नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी तक 660 कि.मी. लंबी पाइपलाइन प्रक्रियाधीन है।

पुराना नाम नया नाम

हबीबगंज रेलवे स्टेशन अटल बिहारी वाजपेयी रेलवे स्टेशन

बोगीबील पुल अटल सेतु

नया रायपुर अटल नगर

रोहतांग सुरंग (हिमाचल प्रदेश) अटल सुरंग

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे अटल पथ हजरतगंज चौराहा अटल चौक

देवघर हवाई अड्डा (प्रस्तावित) अटल बिहारी वाजपेयी हवाई अड्डा

अलीगढ़ हरिगढ़

अहमदाबाद कर्णावती

शिमला श्यामला

साहिबगंज हार्बर अटल बिहारी वाजपेयी हार्बर

अगरतला हवाई अड्डा महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा

छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट

कांडला बंदरगाह दीनदयाल बंदरगाह

साबरमती घाट अटल घाट

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना भामाशाह सुरक्षा कवच

मुगलसराय रेलवे स्टेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन

बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन अमर शहीद राजा नाहर सिंह मेट्रो स्टेशन

गोरखपुर हवाई अड्डा महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डा

मियों का बड़ा गांव (बाड़मेर राजस्थान) महेश नगर

इलाहाबाद प्रयागराज

फैजाबाद अयोध्या

गुड़गांव गुरुग्राम

झारसुगुडा हवाई अड्डा (उड़ीसा) वीर सुरेंद्र साई हवाई अड्डा

व्हीलर द्वीप एपीजे अब्दुल कलाम  द्वीप

एकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम अटल बिहारी वाजपेयी स्टेडियम

हैवलॉक द्वीप स्वराज द्वीप

नील द्वीप शहीद द्वीप

रॉस द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप

दूरसंचार आयोग डिजिटल संचार आयोग चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन  पुरैच्ची तलैवर डॉ. एम. जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन

वायुदाब

पवनें

वायुमण्डल

चट्टानें अथवा शैल

जलवायु

चक्रवात-प्रतिचक्रवात

भौतिक प्रदेश

अपवाह तंत्र

पारिस्थितिकी

जैवमंडल Biosphere

सूर्य ग्रहण

भारत में परिवहन

भारत और राजस्थान में कृषि

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